टेक्नोलॉजी की सफलता तभी जब समाज के पिछड़े-वंचित भी उससे लाभान्वित हों: राष्ट्रपति

Nov 26 2021

टेक्नोलॉजी की सफलता तभी जब समाज के पिछड़े-वंचित भी उससे लाभान्वित हों: राष्ट्रपति
कानपुर को प्रसिद्धि दिलाने में एचबीटीयू की अहम भूमिका:कोविंद

इंडिया इमोशंस, लखनऊ/ कानपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्तर प्रदेश में कानपुर दौरे के दूसरे दिन गुरूवार को हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एचबीटीयू) के शताब्दी समारोह को सम्बोधित करते हुए कि, हमारे देश के संदर्भ में किसी भी टेक्नोलॉजी की सफलता तब मानी जा सकती है जब उससे समाज के सबसे पिछड़े और वंचित वर्ग भी लाभान्वित हों। यह बेहद सुखद है कि यह यूनिवर्सिटी आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और पर्यावरण के क्षेत्रों में प्रोटोटाइप विकसित करने की दिशा में सतत प्रयत्नशील है। कानपुर की प्रसिद्धि में इस विश्वविद्यालय के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इस शहर की प्रसिद्धि दिलाने में एचबीटीयू की भी अहम भूमिका रही है। उन्होंने विश्वविद्यालय के एल्यूमनाई से समाज के शोषित, वंचित, दलित और पिछड़े वर्ग के बच्चों की शिक्षा के लिए आगे बढ़कर कुछ करने का अनुरोध किया।

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा “ एचबीटीयू के शताब्दी समारोह में उपस्थित होकर मुझे अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है। कानपुर के किसी भी शिक्षण संस्थान में जब मैं आता हूं तो मेरे मन में अपने विद्यार्थी जीवन की स्मृतियां ताजा हो जाती है, क्योंकि मेरी शिक्षा भी कानपुर में हुई है। जिस क्षेत्र में आप अपने जीवन निर्माण के आरंभिक वर्ष बिताते है उस जगह से विशेष लगाव का होना स्वाभाविक भी है। आपके संस्थान के शताब्दी वर्ष के शुभ अवसर पर मैं विश्वविद्यालय की विकास यात्रा में योगदान देने वाले सभी कुलपतियों और अधिकारियों, वर्तमान तथा पूर्व शिक्षकों और विद्यार्थियों को बधाई देता हूं।‘

इस संस्थान का गौरवशाली इतिहास 20वीं सदी के आरंभ से ही भारत में हो रहे औद्योगिक विकास से जुड़ा हुआ है। मेनचेस्टर ऑफ द ईस्ट, लेदर सिटी ऑफ द वर्ल्ड तथा इंडस्ट्रियल हब के रूप में कानपुर को जो प्रसिद्धि मिली, उसके पीछे इस संस्थान द्वारा उपलब्ध कराई गई टेक्नोलॉजी और मानव संसाधन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। साइंस टेक्नोलाजी, पेंट टेक्नोलाजी, प्लास्टिक टेक्नोलाजी तथा फूड टेक्नोलाजी के क्षेत्र में किए गए योगदान के कारण ही इस विश्वविद्यालय की एक अलग पहचान रही है।

राष्ट्रपति ने कहा “ मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को कार्य रूप देने के लिए एचबीटीयू ने समुचित प्रयास किए जा रहा हैं। मुझे विश्वास है कि आप सब इस शिक्षा नीति के सभी प्रमुख आयामों को लागू करेंगे और भारत को नॉलेज सुपर पावर बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में अपना योगदान देंगे। टेक्नोलाजी के क्षेत्र में भारत ने भी अपनी साख बढ़ाई है। इस संदर्भ में हरकोर्ट बटलर टेक्निकल विश्वविद्यालय की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाती है। हमारे देश के टेक्निकल संस्थानों को अपने विद्याथियों में अनवेषण, नवाचार और उद्यमशीलता की सोच विकसित करने के प्रयास करते रहना चाहिए। उन्हें शुरू से ही ऐसा वातावरण प्रदान करना चाहिए जिस पर वह जॉब सीकर की जगह जॉब गिवर बनकर देश के विकास में अपना योगदान दे सकें।

राष्ट्रपति ने कहा कि डिजीटल युग में भारत के युवा सफलता के ऐसे उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं जिसकी कुछ वर्षों पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। एक विश्लेषण के अनुसार वर्ष 1990 के बाद जन्म लेने वाले यानी 31 वर्ष से कम आयु के 13 युवा उद्यमियों ने 1000 करोड़ रुपए से अधिक की ऐसेट वैल्यू अर्जित करके बिलेनियर क्लब में अपना स्थान बनाया है। यहां उपस्थित युवाओं को यह जानकर प्ररेणा प्राप्त होगी कि भारत में 1000 करोड़ रुपए से अधिक ऐसेट वैल्यू वाले लोगों में सेल्फ मेड उद्यमियों की संख्या लगभग 65 प्रतिशत हो गई है। भारत में 100 में से 65 अरबपति अपने बल पर सफल उद्यमी बन चुके हैं।

एचबीटीयू के पूर्व विद्यार्थियों ने संस्थान के धेय वाक्य 'परम तपहा:' को चरित्रार्थ किया है तथा देश—विदेश में अपना सम्मानजनक स्थान बनाया है। लगभग 05 दशक पहले केन्द्र सरकार में मंत्री रहे केशवदेव मालवीय से लेकर आज के युग में वर्ल्ड स्मिथ जैसे आते नॉलेज पोर्टल को विकसित करने वाले अनूप गर्ग, बिजनेस लीडरशिप के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त करने वाले अनिल खंडेलवाल तथा इंडियामार्ट के संस्थापक दिनेश अग्रवाल जैसे अनेक पूर्व विद्यार्थियों ने विभिन्न क्षेत्रों में इस संस्थान का गौरव बढ़ाया है। यहां के पूर्व विद्यार्थी अनेक शिक्षण व शोध संस्थानों को नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं। भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी बलराम उपाध्याय आपके एल्युमनाई एसोसिएशन को उत्साह पूर्ण सेवा प्रदान कर रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ने वाले एचबीटीयू के सफल पूर्व विद्यार्थियों की सूची बहुत बड़ी है।