उधार देने के बाद वापस नहीं मांगते इस देश के लोग

Sep 29 2021

उधार देने के बाद वापस नहीं मांगते इस देश के लोग

लंदन: ब्रिटेन के लोग दोस्तों को पैसे उधार देने के बाद वापस नहीं मांगते. एक हालिया सर्वे में यह बात सामने आयी है. सर्वे के मुताबिक, लगभग आधे ब्रिटेनवासी इतने विनम्र हैं कि किसी मित्र को उधार पैसे देने के बाद अपने पैसे वापस नहीं मांगते हैं. 45% लोग अपने उधार गये पैसे वापस नहीं मिलने की सूरत में हर कीमत पर बातचीत से बचते हैं. 18 से 24 आयु वर्ग के 87% लोग भुगतान के लिए 73 पाउंड (5.405.40 रुपया) से कम की उधार राशि वापस मांगने को तैयार नहीं होते हैं. सर्वे के मुताबिक, कुल मिला कर 16% ब्रिटिश कभी भी अपने पैसे वापस नहीं मांगते, चाहे उन्होंने कितना भी उधार दिया हो.

इसमें युवा वयस्कों को सबसे अधिक नुकसान होता है. 18 से 24 आयु वर्ग के 87% लोग भुगतान के लिए 73 पाउंड (5,405.40 रुपया) से कम की उधार राशि वापस मांगने को तैयार नहीं होते हैं. कैश मैनेजमेंट ऐप सूट्स मी के रिचर्ड लिंच ने कहा कि इससे ब्रिटिशवासियों के विनम्र होने की छवि उभर कर आती है. रिचर्ड लिंच के मुताबिक, दोस्ती-रिश्तेदारी में अक्सर लोग एक-दूसरे को जरूरत पड़ने पर पैसे उधार दे ही देते हैं, लेकिन कहे हुए समय पर अगर रकम वापस न मिले, तो गुस्सा आना लाजिमी है, पर ब्रिटेन के लोग पैसे वापस मांगते ही नहीं हैं. पैसे वापस लेने से बचने के लिए लोग उनसे संपर्क खत्म कर लेते हैं, या बातचीत बंद कर देते हैं. कई ने तो लोगों को पैसे देकर उनकी जिंदगी तक संवार दी है. कोरोना काल में इससे गरीबों को काफी राहत भी मिली. कई दानियों ने लोगों के लिए रहने खाने के साथ-साथ दवाइयों की भी व्यवस्था की.

• दुनिया में ब्रिटिश सबसे अधिक विनम्र, दिल खोल कर करते हैं लोगों की मदद

•5,000 रुपये से कम की राशि तो कभी नहीं मांगी गयी वापस

•दुनिया के 55% वयस्कों यानी करीब 300 करोड़ लोगों ने • कोरोना काल के दौरान अनजान व्यक्तियों की मदद की

दान देने में इंडोनेशिया सबसे आगे, भारत 14वें स्थान पर
ब्रिटिश संस्था चैरिटीज एंड फाउंडेशन के वर्ल्ड गिविंग इंडेक्स 2021 में इंडोनेशिया को सबसे उदार देश बताया गया है. 2020 में कोरोनाकाल के दौरान यहां के 83% लोगों ने नकद दान दिया, नकद दान देने वालों में म्यांमार दूसरे पायदान पर है. हमेशा टॉप-5 में स्थान रखने वाला अमेरिका 19वें स्थान पर पहुंच गया है. वहीं, भारत लंबी छलांग लगाते हुए 82वीं से 14वीं रैंक पर आ गया है. भारत इस सूचकांक मे बीते कई वर्षों से 82 वीं रैक पर था. अनजानों की मदद करने वाले टॉप-10 देशों में से छह देश आफ्रीकी है.इनमें नाइजीरिया, कैमरून, जाबिया, केन्या, यूगांडा और मिस्र है, जापान इस श्रेणी में आखिरी पायदान पर है.